
मन की विकार को दूर करती है सतसंग- सत्यानंद राठिया
प्रताप नरायण बेहरा रायगढ़ : लैलूंगा में मानिकपुरी महंत समाज द्वारा आयोजित श्री सतगुरु कबीर साहेब सतसंग ग्रंथ समारोह में पहुंचे पुर्व मंत्री सत्यानंद राठिया जहाँ भव्य रूप से तिलक लगाकर पुष्प वर्षाते हुए महंत समाज द्वारा श्री राठिया जी का गर्म जोशी में स्वागत किया गया एवं महंत समाज द्वारा आयोजित सतसंग में भूपदेवपुर से पधारे कलाकारों द्वारा मनमोहक मधुर वाणी से स्वागत गीत से मंचासीन सभी अतिथियों का स्वागत और जोरदार अभिवादन किया गया जहाँ कार्यक्रम में श्री राठिया ने सर्वप्रथम कबीर सहेब जी की छाया चित्र का माल्यापर्ण एवं पूजा अर्चना कर कार्यक्रम में मंचासीन हुए।
इसी तारतम्य में श्री राठिया ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि इस प्रकार की धार्मिक अनुष्ठान एवं आयोजनों से ही भरतीय संस्कृति और संस्कार पूरे देश मे भारत भूमि को धन्य बनाता है साथ ही उन्होंने कहा कि सतसंग से मन के हर विकार दूर होते है और कबीर वाणी मनखे मनखे एक समान को समझाते हुए बताया कि इस भारत माता की धरती पर सभी प्राणी एक है और हमे इस प्रकार के आयोजन में हमेशा बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेना चाहिए क्योंकि की अच्छी संगत और सतसंग से किसी भी व्यक्ति का अहित नही होता यह हमारा शरीर मंदिर रूपी एक धरोहर है और स्वच्छ आत्मा में ईश्वर का वाश होता है ईश्वर की प्रत्येक रचना श्रेष्ठ है इस लिए हमें हमेशा सत्य और अहिंसा के राह पर चल कर भारतीय संस्कृति परम्परा को बनाये रखते हुए धार्मिक अनुष्ठान पूजा पाठ के साथ सतसंग करना चाहिए और अच्छे विचारों को ग्रहण करना चाहिए साथ ही उन्होंने बताया कि बाबा साहेब जी हमेशा कहते थे कि साई इतना दीजिये जा में कुटुंब समाय में भी भूखा ना रहू साधु ना भूखा जाय इसी के साथ ही अगली कड़ी में उन्होंने ने मनुष्य चरित्र कैसे होना चाहिए इसको समझाते हुए वर्षा के पानी का उदाहरण देते हुए कहा कि जैसे बारिश का पानी जब गिरता है तो उसका हर बूंद स्वच्छ और एकदम निर्मल होता है परंतु जब धरती पर गिरता है तो कुछ अच्छे मार्ग से होकर स्वच्छ और साफ रहता है परंतु वहीं पानी जब गंदी नाली में से होकर गुजरता है तो हम उसे गंदी नाली का पानी कहते है ठीक उसी प्रकार से इस दुनिया मे भगवान की बनाई हुई प्रत्येक मनुष्य जब जन्म लेता है तो वह बहुत ही श्रेष्ठ और गुणवान होता है बस महत्वपूर्ण यह है कि वह किस दिशा,संगत और शिक्षा को ग्रहण करता है क्योंकि यहीं कोई अच्छी शिक्षा और अच्छे आचरण को ग्रहण करके निखर जाता है तो कोई यहीं बुरी संगत और गलत शिक्षा ग्रहण कर बर्बाद हो जाता है इस लिए प्रत्येक व्यक्ति को इस प्रकार के सतसंग और धार्मिक अनुष्ठान में अपना समय देना चाहिए क्योंकि अच्छे विचार से अच्छी चरित्र का निर्माण होता है और स्वच्छ आत्मा में ईश्वर का वास होता है और सतसंग मन के हर विकार को दूर करता है।
इनकी रही उपस्थिति सत्यानंद राठिया (पुर्व मंत्री) मुख्य अतिथि, मनोज अग्रवाल, पालूराम भगत, अशोक गुप्ता, जगतराम राठिया, युवा मोर्चा अध्यक्ष सहित समस्त कार्यकर्ता और श्रद्धालुओं की उपस्थिति रही।